6 साल पूर्व
ऐसे व्यक्ति जो आपसे यह कहते हैं कि आपके मस्तिष्क कि क्षमता सीमित है सर्वप्रथम उन्हें अपने से दूरी पर रखें | जो भी आपकी आयु है, आप निश्चित रूप से उस आयु में मस्तिष्क की गति एवं मेमोरी स्पेस में सुधार कर सकते हैं। समाचार पत्रों में एवं विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन पोर्टल्स पर 70 एवं 80 के आयु दशक से गुजर रहे व्यक्तियों के सम्बन्ध में आपने अवश्य ही पढ़ा अथवा सुना होगा कि उन्होंने कॉलेज से स्नातक कि डिग्री प्राप्त की। यदि वे कर सकते हैं, तो आप क्यों नहीं कर सकते? इस सम्बन्ध में यहाँ कुछ टिप्स प्रस्तुत हैं :-
प्रयोग करें अथवा गंवा दें :-
यह आपके मस्तिष्क पर लागू होता है | इसका अर्थ है - जितना अधिक आप याद करते हैं, उतना ही आप पढ़ते हैं, जितना अधिक आप नई चीज़ों को समझने का प्रयास करेंगे उतना ही अधिक आप साकारात्मक सोचेंगे व उतनी ही अधिक आपकी मानसिक शक्ति बढ़ेगी | इसके विपरीत, आप कम पढ़ते हैं, आप कम सोचते व नव विचार करते हैं, आपके मस्तिष्क की गति उतनी ही कम हो जाती है | अतः अधिक से अधिक पढ़ने के लिए प्रयास करें, अच्छी व रोचक चीजें पढ़ें |
विश्वास एवं आत्मविश्वास :-
अगर मुझे विश्वास नहीं है कि मैं कार ड्राइव कर सकता हूं, तो मैं निश्चित रूप से कार ड्राइव करने में सक्षम नहीं होऊंगा। यह सत्य है कि कुछ भी करने के लिए, आपको यह विश्वास करना होगा कि आप उसे कर सकते हैं | यह पहली एवं बुनियादी शर्त है |
दूसरों को मत सुनो :-
अगर स्टीव जॉब्स ने दूसरों के कहे के सम्बन्ध में विचार किया होता कि वे क्या कहेंगे अथवा लोगों ने क्या कहा, तो उन्होंने अपने करियर को एक बैंक के क्लर्क के रूप में ही समाप्त किया होता।
किसी को कभी आपको यह कहने का अवसर मत दो ... कि आप कुछ नहीं कर सकते हैं। स्वमं को भी नहीं।
आपने एक सपना देखा .... आपको इसकी रक्षा करनी होगी। लोग स्वमं कुछ नहीं कर सकते हैं, वे आपको अवश्य ही कहेंगे कि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। यदि आप कुछ प्राप्त करना चाहते हैं, तो उसे प्राप्त करें।
प्रार्थना :-
मस्तिष्क की गुणवत्ता सुधारने हेतु एक सकारात्मक मानसिकता की आवश्यकता होती है | सकारात्मकता की तीव्रता से वृद्धि में, प्रार्थना करने से अच्छा अन्य कोई विकल्प नहीं है | प्रार्थना अपने मस्तिष्क को आत्मा से जोड़ने का साधन मात्र है | प्रार्थना आपके हृदय में शुद्धता स्थापित करने का साधन है | प्रार्थना आपके हृदय से अशुद्धियों को दूर करने का एक साधन है।
योग अथवा अन्य शारीरिक गतिविधि :-
एक मजबूत शरीर, एक मजबूत मस्तिष्क के निर्माण में सहायक है | व्यायाम एवं मानसिक शक्ति एक दूसरे से सीधे सीधे सम्बंधित हैं | अतः जो भी आपकी आयु है, जो भी आपमें शारीरिक क्षमता है उसके अनुसार किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि करने का प्रयास करें जैसे 10 मिनट तेज चाल से चलना, तैराकी, स्कीइंग, साइकिल चलाना, टेनिस खेलना, कबड्डी, छुपे व तलाशें .. जो भी आपको पसंद है - कम से कम 10 मिनट प्रतिदिन करें |
बच्चों के साथ समय बिताएं - बचपन में निर्दोषता विकसित करें :-
यह सभी के लिए संभव नहीं हो सकता है लेकिन यह वास्तव में प्रभावी है यदि आप किसी के साथ एक घंटे बिताते हैं, तो आपके दिमाग का उस व्यक्ति का असर होगा। इसी प्रकार, यदि आप एक बच्चा के साथ कुछ समय बिताते हैं, उसका खेल देखते हैं, वह चीजों को कैसे जानती है, आदि, संभावना है कि आपको अधिक मासूमियत मिलती है।
लिखें एवं प्राथमिकता प्रदान करें :-
आपको अपने मस्तिष्क को कुछ इस क्रम में पोषित करने की आवश्यकता है जिससे की यह आने वाली सूचनाओं को व्यवस्थित रूप से क्रियान्वित कर सके | सूचीबद्ध लिखना आपको चीजों का विश्लेषण करने में एक अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है। जब आप अपने लेख लिखते हैं एवं देखते हैं, तब आपके मस्तिष्क में विषय से सम्बंधित अन्य जानकारी भी अपना स्थान बना लेती है | अतः यह प्रक्रिया, किसी विषय पर आपकी चिंतन शक्ति में सुधार करती है।
मेमोरी गेम्स :-
जितना अधिक आप अपने मस्तिष्क को स्मरण कराने के लिए प्रक्षशित करेंगे उतनी ही अधिक आपकी स्मरण शक्ति में वृद्धि होगी | इस कार्य में मेमोरी गेम्स जैसे कि शतरंज, सुडोकु आदि आपके लिए बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं | ऐसे गेम्स मस्तिष्क की विश्लेषणात्मक क्षमता में सुधार करने में सहायता करते हैं।
आयुर्वेदिक परिशिष्ट :-
ब्रह्मी, अश्वगंध, शंखापुष्पी, ज्योतिषमती, अपराजिता आदि आयुर्वेदिक जड़ी बूटी स्मृति एवं एकाग्रता में सुधार करने में बहुत उपयोगी हैं। अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से अपने लिए सही औषधि हेतु परामर्श लें ( यदि वह सोचता है कि आपको वास्तविक रूप में औषधीय चिकित्सा की आवश्यकता है) |
घी :-
स्वस्थ बुद्धि एवं स्मरण शक्ति में वृद्धि हेतु गाय के घी का नियमित उपयोग अत्यंत प्रभावकारी होता है। जो व्यक्ति बुद्धि एवं स्मरण शक्ति में सुधार की इच्छा रखते हैं, ऐसे व्यक्तियों हेतु गाय का घी का सेवन अत्यंत उपयुक्त है।
सीधी पीठ के साथ बैठें :-
योग एवं आयुर्वेद के अनुसार, सीधे व बिना झुके बैठने से रीढ़ की हड्डी में उपस्थित छः चक्रों के माध्यम से प्राण वायु सरलता से प्रवाह होती रहती है | प्राण वायु का सरल प्रवाह स्मरण शक्ति को बनाये रखता है |
शीतल जल का स्नान :-
शीतल जल का स्नान चेतना के स्तर में सुधार करता है एवं किसी विषय वस्तु को समझने एवं उसके व्याख्यान में सहायता करता है |
नेत्र अभ्यास :-
आंखों की घूर्णन गति, अथवा गेंद के साथ खेलना एवं इसे निरंतर देखना मस्तिष्क को तेजता प्रदान करता है |
जो कुछ भी आप करते हैं उसे तीव्रता से करें :-
तीव्र शारीरिक गतिविधियां आपको सीखने की प्रक्रिया में तेजी लाने में सहायता प्रदान करती हैं। अतः, जो भी कार्य आप कर रहे हैं, उसे तेजी से करने का प्रयास करें, यह बहुत समय बचाता है साथ ही यह आपके दिमाग को प्रशिक्षित करता है |
हालांकि, यह भोजन खाने के लिए लागू नहीं है |
अच्छी गहरी निंद्रा लें :-
6 -7 घंटे की गहरी नींद स्मृति में सुधार करने में वास्तव में सहायक है | यह मस्तिष्क को शांत एवं केंद्रित रखने में सहायता प्रदान करती है।
सूझभूज व सावधानी के साथ मल्टीटास्क :-
मल्टीटास्किंग अत्यंत ही उत्तम है, बहुत समय बचाता है, किन्तु यह तभी सफल होता है जब सूझभूज व सावधानी से क्रियानवित किया जाए |
देखो कि आप क्या खाते हैं :-
आलू, लहसुन, प्याज, गरिष्ठ भोजन एवं गैर शाकाहारी भोज्य पदार्थ बहुत अधिक आपकी स्मृति एवं एकाग्रता के लिए योगदान नहीं करते हैं। ( किन्तु वे आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हो सकते हैं। )
अपने मस्तिष्क का परीक्षण एवं छेड़छाड़ न करें :-
जब आप अपनी स्मृति में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं, आप यह जानने के लिए खुद का परीक्षण न करें कि आपने कितना सुधार किया है। यह एक लंबी प्रक्रिया है और आप निश्चित रूप से जीतेंगे। आत्मविश्वास रखें।
ध्यान भटकाव से दूर रहें :-
जहां तक संभव हो, अपने सोशल मीडिया के समय को सीमित करें, उन गैर-समझ वाले टीवी धारावाहिकों को सीमित करें जिन्हें आप देखते हैं व कुछ रचनात्मक और सकारात्मक गतिविधियों में सम्मलित हों | कविता लिखें, तस्वीर खींचें, अपने पुत्र एवं पुत्री को उसकी गणित के सवाल हल करने में सहायता करें।
उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य :-
आध्यात्मिक यात्रा के लिए उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है। यह स्मृति एवं एकाग्रता पर भी लागू होता है। सक्रिय होने का प्रयास करें। आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करें व स्वस्थ रहें।
चित्त को प्रसन्न रखें :-
एक प्रसन्न मस्तिष्क एक सक्रिय मस्तिष्क होता है। अपने खाली समय में कुछ चुटकुले पढ़ें, कुछ चुटकुले बनाएं एवं हंसी ख़ुशी के प्रसार का प्रयास करें |
स्वस्थ उदर :-
आप वास्तव में किसी भी चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं जब आप उदर पर सूजन अथवा गैस्ट्राइटिस ( जठरशोथ ) से पीड़ित हों | पूर्ण भोजन के तुरंत पश्चात सोने की अपेक्षा, एक न्यूरोसाइंस से सम्बंधित उपन्यास का अध्ययन करना पसंद करेंगे | अपने पेट को हल्का रखें।
ब्रह्मचर्य :-
ब्रह्मचर्य, मस्तिष्क की शक्ति एवं एकाग्रता में सुधार करने के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण है। आपके मस्तिष्क एवं दिल की शुद्धता अविश्वसनीय मस्तिष्क शक्तियों को जन्म देती है।
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