8 साल पूर्व
नवग्रहों के रत्नों का निर्धारण इस प्रकार किया गया है : -
ग्रह | रत्न |
---|---|
सूर्य | माणिक्य |
चन्द्रमा | मोती |
मंगल | मूँगा |
बुध | पन्ना |
बृहस्पति | पुखराज |
शुक्र | हीरा |
शनि | नीलम |
राहु | गोमेद |
केतु | वैदूर्य या लहसुनिया |
ग्रहों के वर्ण विभाजन के आधार पर उनके रत्नों को भी चार वर्णों में विभक्त किया जा सकता है :-
रत्नों के वर्ण | रत्न |
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ब्राह्मण वर्ण के रत्न | पुखराज एवं हीरा |
क्षत्रिय वर्ण के रत्न | माणिक्य एवं मूँगा |
वैश्य वर्ण के रत्न | मोती |
शूद्र वर्ण के रत्न | पन्ना, नीलम, गोमेद एवं वैदूर्य |
यह एक सर्वसम्मत तथ्य है कि प्रत्येक रत्न का प्रभाव उसके ग्रह की स्थिति के अनुसार धारण किये जाने पर ही दृष्टिगत होता है।
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