8 साल पूर्व
निम्नलिखित दी जा रही जानकारी के आधार अनुसार कोई भी जातक अपनी लाल किताब जन्म कुण्डली को देखकर सरलता से यह जान सकता है कि उसे जीवन में आय, धन एवं संपत्ति किस प्रकार से अर्थात किन किन स्रोतों से प्राप्त हो सकती है :-
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि प्रथम, चतुर्थ, सप्तम एवं दशम भाव में शुभ ग्रह उच्च के हो, तो ऐसे जातक को अपने परिजनों एवं रिश्तेदारों से धन प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि दूसरे भाव में कोई शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को अपनी ससुराल से धन प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि तृतीय भाव में मंगल एवं चन्द्रमा ग्रह युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को उत्तम धन की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि चतुर्थ भाव में चन्द्रमा ग्रह स्थित हो एवं युग्म में कोई अन्य शुभ ग्रह उच्च स्थिति में हो, तो ऐसे जातक को प्रवाहित धन स्रोत प्राप्त होता है, अर्थात धन लगातार आता रहेगा किन्तु ठीक उसी प्रकार जाता भी रहेगा।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि पंचम भाव में कोई शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को स्वमं की संतान से धन प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि षष्ट भाव में कोई शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को अपने मित्रों अथवा दैवीय सहायता से धन प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि सप्तम भाव में कोई उच्च एवं शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को पैत्रिक पशु संपत्ति प्राप्त होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि नवम भाव में कोई शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को चल संपत्ति की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि दशम भाव में कोई शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को पिता अथवा अन्य किसी बुजुर्ग व्यक्ति से धन प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि एकादश भाव में कोई उच्च एवं शुभ ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक को स्वमं के प्रयासों से ही धन प्राप्ति संभव होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि एकादश भाव में कोई नर ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक की आमदनी में निरंतर वृद्धि होती रहती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि एकादश भाव में बृहस्पति एवं शुक्र ग्रह युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक की आय की अपेक्षा व्यय अधिक होता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि एकादश भाव में बृहस्पति एवं बुद्ध ग्रह युग्म में स्थित हो एवं द्वादश भाव में कमजोर ग्रह स्थित हो, तो ऐसे जातक का धन अनावश्यक क्रिया कलापों में व्यय होता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि, एकादश व द्वादश भाव में कोई ग्रह स्थित न हो एवं बृहस्पति ग्रह का सम्बन्ध सूर्य एवं चन्द्रमा ग्रह से हो एवं इन दोनों में से कोई एक अथवा दोनों ग्रह शुभ स्थिति में हों, तो ऐसी स्थिति में जातक अपने धन का संचय कर पाता है अन्यथा धन व्यय अधिक होता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में बृहस्पति एवं सूर्य ग्रह युग्म में स्थित हों, तो ऐसे जातक को धन पर्याप्त रूप में प्राप्त होता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में बृहस्पति एवं शनि ग्रह युग्म में स्थित हों, तो ऐसे जातक को धन औसत रूप में ही प्राप्त होता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में बृहस्पति, सूर्य एवं शनि ग्रह युग्म में स्थित हों, तो ऐसे जातक को राजधन प्राप्त होता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि चन्द्रमा ग्रह बृहस्पति के स्वामी भाव में युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को गढ़े हुए धन की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह शुक्र ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को स्त्री पक्ष से धन की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह बृहस्पति ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को श्रेष्ठ धन की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह शनि ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को पाप कर्म से धन की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि मंगल ग्रह सूर्य ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को प्रभावशाली धन की प्राप्ति होती है जो जातक को मान एवं प्रतिष्ठा प्रदान करता है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि शुक्र ग्रह बृहस्पति ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को पानी के बुलबुले के सामान धन की प्राप्ति होती है।
♦ किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि सूर्य ग्रह बृहस्पति ग्रह के साथ युग्म में स्थित हो, तो ऐसे जातक को राज सम्मान के साथ विपुल मात्रा में धन की प्राप्ति होती है।
आय व्यय सम्बंधित विशेष परख
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा ग्रह को धन एवं शनि ग्रह को खजांची के रूप में देखा जाता है। कुंडली के अंदर इन दोनों ग्रह की स्थिति से सम्बंधित जातक की धन संचय एवं धन व्यय की स्थिति की विवेचना की जा सकती है। कुण्डली में चन्द्रमा एवं बृहस्पति ग्रह का योग सोने चांदी एवं द्रव्य धन के धोतक है।
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