ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

लाल किताब जन्म कुण्डली में स्थित ग्रहों की भावगत स्थिति से आयु गड़ना विधि

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

age-span-calculation-planets-redbook-horoscope-lalkitab-janam-kundli-graho-aayu-gadna-hindi-astrology-jyotishshastra-hd-image

 

लाल किताब के अनुसार जन्म कुण्डली में स्थित ग्रहों की भावगत स्थिति के माध्यम से किसी जातक की आयु गड़ना की जानी संभव है। निम्नवत विवरण प्रस्तुत है :

 

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य, गुरु एवं शनि ग्रह नवम अथवा द्वादश भाव में स्थित हों अथवा किन्ही पुरुष ग्रहों के साथ स्थित हों तो लाल किताब फलित के अनुसार ऐसे जातक की आयु 12 माह होगी।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं केतु ग्रह षष्टम भाव में स्थित हों एवं सूर्य ग्रह दशम भाव में हो तो लाल किताब फलित के अनुसार ऐसे जातक की आयु 12 दिन होगी।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य एवं राहु ग्रह दशम एवं एकादश भाव में स्थित हों तब सप्तम भाव में जो भी ग्रह स्थित होता है वह आयु निर्धारण का कारक ग्रह होता है। लाल किताब फलित के अनुसार ऐसे जातक की आयु 22 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य एवं चन्द्रमा ग्रह एकादश भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 9 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं राहु ग्रह द्वितीय अथवा पंचम अथवा सप्तम भाव में नीच अथवा अशुभ होकर स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 50 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं राहु ग्रह प्रथम भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की मृत्यु दोपहर के समय आकस्मिक रूप से किसी दुर्घटना में होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं राहु ग्रह षष्टम भाव में स्थित हों अथवा मंगल अशुभ एवं नीच का होकर षष्टम भाव में स्थित हो व शुक्र एवं केतु युग्म में अशुभ होकर स्थित हों, जातक के बोलते समय दांतों के मसूड़े दिखाई देते हों व कान उप्पर को चढ़ जाते हों, तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 24 वर्ष होती है है एवं जातक मृत्यु पूर्व अपने पीछे एक पुत्र छोड़ जाता है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं केतु ग्रह प्रथम भाव में स्थित हों एवं चतुर्थ भाव में कोई भी ग्रह उपस्थित न हो, तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 10 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा, बुध एवं राहु ग्रह किसी भी भाव में युग्म में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 35 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध एवं केतु ग्रह द्वादश भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 45 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में गुरु एवं राहु ग्रह षष्टम भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 45 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में गुरु एवं राहु ग्रह नवम अथवा एकादश भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 40 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा, बुध एवं राहु ग्रह द्वितीय अथवा पंचम भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 46 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं बुध ग्रह तृतीय भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 60 वर्ष होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में गुरु एवं राहु ग्रह द्वितीय भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 20 वर्ष होती है एवं उसकी मृत्यु किसी लम्बे जानलेवा रोग के कारण होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध एवं गुरु ग्रह षष्टम भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 20 वर्ष होती है एवं उसकी मृत्यु किसी लम्बे जानलेवा रोग के कारण होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं शुक्र ग्रह नवम भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 75 वर्ष होती है एवं उसकी मृत्यु आकस्मिक होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा एवं राहु ग्रह नवम भाव में स्थित हों तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 75 वर्ष होती है एवं उसकी मृत्यु आकस्मिक होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध एवं गुरु ग्रह द्वितीय भाव में स्थित हों एवं राहु ग्रह तृतीय भाव में स्थित हो तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 30 वर्ष होती है एवं ऐसे जातक की पिता की मृत्यु जातक की ग्यारह अथवा ईक्कीस वर्ष की आयु में संभवतः हो जाती है एवं धन हानि की भी पूर्ण संभावना होती है।

♦   किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा पंचम भाव में स्थित हो एवं सूर्य ग्रह एकादश भाव में स्थित हों व कोई पुरुष ग्रह इनके साथ युग्म में हो अथवा न हो, तब ऐसी स्थिति में लाल किताब फलित के अनुसार जातक की आयु 12 वर्ष होती है।

 

नोट : अपने जीवन से सम्बंधित जटिल एवं अनसुलझी समस्याओं का सटीक समाधान अथवा परामर्श ज्योतिषशास्त्र  हॉरोस्कोप फॉर्म के माध्यम से अपनी समस्या भेजकर अब आप घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं |

 

© The content in this article consists copyright, please don't try to copy & paste it.

सम्बंधित शास्त्र
हिट स्पॉट
राइजिंग स्पॉट
हॉट स्पॉट