8 साल पूर्व
चन्द्रमा की कुण्डली में भावगत स्थिति के अनुसार किसी जातक के आयु काल का लाल किताब अनुसार निर्धारण :
चन्द्रमा की भाव गत स्थिति | कुल आयु काल |
---|---|
प्रथम | 10 वर्ष |
द्वितीय | 16 वर्ष |
तृतीय | 70 वर्ष |
चतुर्थ | 75 वर्ष |
पंचम | 100 वर्ष |
षष्टम | 70 वर्ष |
सप्तम | 75 वर्ष |
अष्टम | 90 वर्ष |
नवम | 75 वर्ष |
दशम | 90 वर्ष |
एकादश | 90 वर्ष |
द्वादश | 90 वर्ष |
किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा यदि शुक्र ग्रह से सम्बन्ध रखता है तो ऐसी स्थिति में जातक की कुल आयु 75 वर्ष मानी जा सकती है। कुण्डली में चन्द्रमा का किसी पुरुष ग्रह के साथ सम्बन्ध है तो ऐसी स्थिति में जातक का लाल किताब अनुसार कुल आयु काल 16 वर्ष का माना गया है। कुण्डली में चन्द्रमा का किसी पापक ग्रह के साथ सम्बन्ध है तो ऐसी स्थिति में जातक का लाल किताब अनुसार कुल आयु काल 30 वर्ष का माना गया है। यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में शनि एवं गुरु एक साथ युति में स्थित है तो ऐसे जातक का आयु काल का निर्धारण एकादश भाव के ग्रहों के अनुसार किया जाना चाहिए, किन्तु यदि एकादश भाव में कोई ग्रह उपस्थित नहीं हो तो फिर आयु निर्धारण चन्द्रमा की भावगत स्थिति से ही किया जाना लाल किताब अनुसार उत्तम बताया गया है।
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