5 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध ग्रह सप्तम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक अपने काम धंधे में चौंतीसवें वर्ष की आयु तक सफल हो पाता है। ऐसा जातक तैयार माल के व्यवसाय में सफल रहता है व अच्छा धन अर्जित करता है। विदेश यात्रा का भी योग बनता है। ऐसे जातक का कार्य भली प्रकार से प्रारम्भ होता है किन्तु तत्पश्चात बिखर जाता है। ऐसे जातक को दस्तकारी, तकनीकी व लकड़ी सम्बंधित कार्यों में उत्तम फल की प्राप्ति होती है। खराब पारिवारिक जीवन, व्यावसायिक जीवन को भी कुछ हद तक प्रभावित करता है। पत्नी धनी व मजबूत परिवार से होती है। कोर्ट कचहरी सम्बंधित कार्यों में अथवा मुक़दमे आदि में सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे जातक की कलम में बड़ी शक्ति होती है। शुभ धृष्ट बुध जातक को प्रगतिशील, निर्णय कुशल व सक्रिय बनता है |
जन्म कुण्डली में बुध ग्रह सप्तम भाव में स्थित होने से जातक में परिपक्वता कुछ देरी से आती है। जातक व्यवहार कुशल, चिंतन मनन करने वाला तथा सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य करते हुए सुख सफलता प्राप्त करने वाला होता है | ऐसा जातक अपने मित्रों व परिचितों की सहायता करने वाला होता है। आयु के चौंतीसवें वर्ष तक विवाह योग संभावित है। प्रायः पत्राचार अथवा कंप्यूटर पर संपर्क करने से विवाह सम्बन्ध बनता है | बुध सप्तम भाव में होने के कारण विवाह सफल नहीं रहता। पारिवारिक जीवन सुखी नहीं रहता व्यर्थ वाद विवाद नोक झोंक की स्थिति बानी रहती है। ऐसा जातक अपने परिवार को तोड़ने वाला होता है। साली से मित्रता बर्बादी का कारण बन सकती है।
जन्म कुंडली के सप्तम भाव हेतु बुध ग्रह टोटके :
♦ अपनी उम्र से बड़ी लड़की के साथ माता तुल्य व्यवहार करें।
♦ साली से मित्रता न करें व संपर्क से दूर ही रहे।
♦ किसी से साझेदारी में व्यापार न करें।
♦ काली गाय की सेवा करें अथवा पालन करें।
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