ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

लाल किताब कुंडली के चतुर्थ भाव में स्थित चन्द्रमा ग्रह का फलादेश एवं टोटके

Sandeep Pulasttya

7 साल पूर्व

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जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह चतुर्थ भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक को अपने माता पिता का पूर्ण सुख प्राप्त होता है। माता व परिवार के बुजुर्ग व्यक्तियों की सेवा करने से धन में असीमित वृद्धि होती है। ऐसे जातक को कपडे का व्यापार करना लाभकारी रहता है। विरासत में प्राप्त कारोबार भी लाभकारी रहता है। ऐसे जातक के पास धन का दरिया होता है, जितना खर्च करो उतनी ही उसमें वृद्धि होगी। ऐसे जातक को पैतृक संपत्ति अवश्य ही प्राप्त होती है। उत्तम भवन व वाहन का सुख प्राप्त होता है। ऐसे जातक को सरकार से अथवा सरकार के माध्यम से अकूत धन की प्राप्ति होती है। ऐसा जातक राजसी ठाठ बात का भोग करता है। सरकारी  खर्च पर विदेश यात्रा का भी सुख मिलता है। सामुन्द्रिक यात्राओं से लाभ प्राप्त होता है। बुध ग्रह से सम्बंधित व्यवसाय लाभप्रद रहते हैं। ऐसे जातक के पास कोई अपनी अमानत रख जाए तो वापिस लेने के लिए नहीं आता।             

जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह चतुर्थ भाव में स्थित होने से जातक लम्बी आयु भोगता है। ऐसे जातक की वृद्धावस्था सुखमयी व्यतीत होती है। ऐसे जातक को पत्नी एवं माता दोनों का ही सुख व सहयोग प्राप्त होता है। पुत्र की उत्पत्ति के पश्चात जीवन और भी अधिक सुखमयी हो जाता है।

 

 

जन्मपत्री के चतुर्थ भाव हेतु चन्द्रमा ग्रह टोटके :

♦   कपडे का व्यापार माता की साझेदारी में करें।

♦   दुग्ध अथवा दुग्ध निर्मित पदार्थों से सम्बंधित वस्तुओं का व्यापार न करें।

♦   घर आये मेहमानो को शरबत पिलायें।

♦   मिटटी के घड़े में फल अथवा दूध भरकर घर में सदैव रखें।

 

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