4 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह नवम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक पैतृक संपत्ति का स्वामी होता है। ऐसा जातक दुःखियों की सहायता करने वाला व समाज में आदरणीय होता है। ऐसा जातक धार्मिक प्रवृत्ति एवं धर्म का पालनकर्ता होता है। ऐसा जातक सरल स्वाभाव वाला होता है। ऐसा जातक कुशल गणितज्ञ एवं संगीत कला में रूचि रखने वाला होता है। ऐसा जातक यदि कोमल व सरल स्वाभाव से रहे तो बहुत उच्च स्तर को प्राप्त करता है किन्तु अड़ियल व झगड़ालू रुख अपनाने पर उसका जीवन उथल पुथल भरा हो जाता है। ऐसे जातक की धन दौलत में खूब बरकत होती है। जीवन के चौंतीसवें वर्ष के पश्चात आर्थिक हालात साधारण एवं अड़तालीस वर्ष की आयु के पश्चात आर्थिक स्तर और अधिक ऊंचा हो जाता है।
पिता का सम्पूर्ण सुख ऐसे जातक को प्राप्त होता है एवं वह पिता के प्रति आदर भाव रखने वाला होता है। ऐसा जातक पर्यटन का भरपूर आनंद लेने वाला होता है व धार्मिक यात्राएं भी खूब करता है। ऐसा जातक विदेश गमन भी खूब करता है। ऐसे जातक को संतान का सुख प्राप्त होता है एवं उसको संतान भी बहुत अच्छी प्राप्त होती है। लाल किताब के आधार पर नवें भाव का चन्द्रमा बहुत उत्तम फलदायक बताया गया है।
जन्म कुंडली के नवम भाव हेतु चन्द्रमा ग्रह टोटके :
♦ कदापि अहंकार न करें।
♦ चरित्र उत्तम बनाये रखें।
♦ सदैव सदाचार का पालन करें।
♦ प्रायः मंदिरों अथवा देवालयों में समागम करें।
नोट : अपने जीवन से सम्बंधित जटिल एवं अनसुलझी समस्याओं का सटीक समाधान अथवा परामर्श ज्योतिषशास्त्र हॉरोस्कोप फॉर्म के माध्यम से अपनी समस्या भेजकर अब आप घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं |
नोट : प्राण प्रतिष्ठित - एक्टिवेटिड एवं उच्च कोटि के ज्योतिष यन्त्र, वास्तु यन्त्र, परद, स्फटिक, जेमस्टोन्स, रुद्राक्ष, फेंगशुई प्रोडक्ट्स प्राप्ति हेतु ईकॉमर्स पोर्टल एस्ट्रोशॉपर पर विजिट करें ।
© The content in this article consists copyright, please don't try to copy & paste it.