8 साल पूर्व
लाल किताब ज्योतिष अनुसार पंचम भाव से किसी जातक के विषय में क्या क्या ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है अथवा लाल किताब का पंचम भाव जातक के विषय क्या ज्योतिष फलादेश देता है निम्न बिंदुओं अनुसार आप स्वमं जान सकते हैं :
♦ लाल किताब अनुसार जन्म कुण्डली में स्थित पंचम भाव का स्वामी ग्रह सूर्य है एवं कारक ग्रह गुरु है।
♦ पंचम भाव में गुरु एवं सूर्य गृहफल के ग्रह हैं।
♦ कुण्डली में केतु शुभ होने की स्थिति में पंचम भाव का उत्तम फल प्राप्त होता है।
♦ पंचम भाव का सम्बन्ध घर की पूर्व दिशा से होता है।
♦ पंचम भाव से किसी जातक के बौद्धिक स्तर, प्रणय सम्बन्ध एवं संतान के विषय में विवेचन किया जाता है।
♦ पंचम भाव जातक की, मानसिक चेतना, प्रसिद्धि, मान सम्मान, ईमानदारी का कारक है।
♦ जातक को उसकी मेहनत का कितना फल प्राप्त होगा।
♦ विधा एवं शिक्षा के बल पर जातक कितना धन लाभ प्राप्त करेगा।
♦ ज्ञान प्राप्ति का स्थान किस श्रेणी अथवा प्रकार का होगा।
♦ आध्यात्मिक विकास का स्तर कितना होगा।
♦ संतान कितना धन अर्जित अथवा संचित करेगी।
♦ किस देवी देवता की आराधना अधिक लाभान्वित करेगी।
इन समस्त विषयों का विवेचन पंचम भाव देखकर ही किया जाता है।
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