4 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह सप्तम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक की कुण्डली में मांगलिक योग बनता है। ऐसे जातक को ठाकुर जी का पूजन अर्चन कर उन्हें प्रसन्न रखने पर अपार धन दौलत प्राप्त होती है। ऐसा जातक ज्योतिष विधा का ज्ञाता होता है। ऐसे जातक के पास बहुत से लोग आते जाते रहते हैं। ऐसा जातक अपने परिवार का पोषक होता है। पार्टनरशिप में व्यापार करने से लाभ प्राप्त होता है। ऐसा जातक शाही जीवन का आनंद उठाने वाला होता है। ऐसा जातक जीवन में जो भी इच्छा करेगा वह उसे एक बार अवश्य ही प्राप्त होगा। विदेश यात्राओं के भी योग जीवन में कई बार बनेंगे। ऐसे जातक को परिजनों से सहायता प्राप्त होती रहती है। भाग्य सदैव साथ दे इसकी संभावना कम ही होती है।
जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह सप्तम भाव में स्थित होने से जातक को पत्नी एवं संतान का पूर्ण सुख प्राप्त होता है। ऐसे जातक के अनेकों स्त्रियों से काम सम्बन्ध होते हैं। बहिन, बुआ अथवा साली को अपने निकट रखने से अथवा उनकी सेवा करने से जातक को अशुभ फल प्राप्त होता है। भाई की संतान का पालन करने से शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसा जातक धर्मात्मा प्रवृत्ति का होता है। दूसरे पर आई विपत्ति व संकट के समय उसका सहारा बनता है। अपने घर में कभी भी चौड़े पत्तों वाले एवं कंटीले पौधे अथवा पेड़ न लगाएं। जातक के लिए मदिरा पान एवं मांसाहार अशुभ फल दायक होता है। घर में गीत संगीत बजाना अथवा गायन अशुभ फल दायक रहता है। बिना सींग की गाय अथवा बकरी पालन अशुभ फल देने वाला होता है। जातक के घर में कबूतर अथवा चमगादड़ का घोसला स्थित होना अशुभ फल दायक रहता है। ऐसे जातक को रक्त सम्बंधित विकार होने की पूर्ण संभावना रहती है। जातक इन्साफ पसंद होता है।
जन्म कुंडली के सप्तम भाव हेतु मंगल ग्रह टोटके :
♦ कन्या, बहिन, बुआ, पुत्री अथवा साली को मिष्ठान खिलाएं।
♦ भाई की संतान का पालन पोषण करें।
♦ बुआ, बहिन अथवा साली को अपने साथ न रखें।
♦ चांदी की ठोस गोली सदैव अपने साथ रखें।
♦ सदाचार का सदैव पालन करें।
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