ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

मांगलिक दोष निवारण हेतु लाल किताब के विशेष उपाय एवं टोटके

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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किसी दंपत्ति की जन्म कुण्डली में, मंगल दोष जब किसी एक की जन्म कुण्डली में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में अत्यंत ही घातक परिणाम प्रदान करता है। इस प्रकार के मंगल दोष के कारण दंपत्ति को वैधव्य, दोनों दंपत्ति को अथवा किसी एक को पीड़ा, कलेश, घृणा, लड़ाई झगडे, तलाक, परस्पर वैमनस्य, द्वेष आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष के निवारण हेतु मन्त्रों के माध्यम से विशेष पूजा अर्चना कराई जाती है अथवा इसका तांत्रिक उपचार भी किया जाता है जो कि अत्यंत खर्चीला होता है एवं इसको कोई कुशल विशेषज्ञ ही सफलता पूर्वक संपन्न करा सकता है। मंगल दोष का निवारण करना हर किसी कर्म कांडी के बस की बात नहीं है। मंगल दोष के निवारण हेतु यहां हम लाला किताब में वर्णित कुछ सरल एवं विशेष उपाय व टोटके बता रहे हैं जिन्हे आम जीवन शैली में अपनाकर कोई भी पीड़ित दंपत्ति मंगल दोष से उत्पन्न पीड़ा एवं कुप्रभावों को समाप्त तो नहीं, अपितु उन्हें कम अवश्य ही कर सकता है।

 

मंगल दोष निवारण हेतु लाल किताब के कुछ विशेष उपाय एवं टोटके :

⇒   मंगल दोष निवारण हेतु जातक को हनुमान चालीसा का एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना उत्तम रहता है।

⇒   मंगल दोष से पीड़ित जातक हनुमान जी को प्रसाद का भोग लगाकर उसे बांटना चाहिए।

⇒   हनुमान जी को सिन्दूर एवं चोला चढ़ाना उचित रहता है।

⇒   गायत्री जी एवं दुर्गा जी का पाठ करना लाभदायक रहता है।

⇒   तंदूर की मीठी रोटी कुत्तों को खिलाएं।

⇒   बंदरों को भोजन खिलाएं।

⇒   मंदिर में मीठा भोजन बांटें।

⇒   शहद एवं सिन्दूर बहते जल में प्रवाहित करें।

⇒   घर एवं कार्यालय में सेवक रखें।

⇒   कच्ची दीवार बनाएं व उसे गिरा दें।

⇒   चांदी की चूड़ी अथवा कड़े पर लाल रंग चढ़वाकर उसे पत्नी को धारण करवाएं।

⇒   चांदी के कड़े पर ताम्बे की परत चड़वाकर धारण करें।

⇒   बिना जोड़ का चांदी का छल्ला धारण करें।

⇒   लाल रंग का रुमाल सदैव अपने निकट रखें।

⇒   सोने अथवा ताम्बे की अंगूठी में, मूंगा जड़वाकर धारण करें।

 

मंगल दोष निवारण हेतु लाल किताब के कुछ साधारण उपाय एवं टोटके :

⇒   मंगल दोष से पीड़ित जातक को कभी झूंठ नहीं बोलना चाहिए व न ही किसी की झूंठी गवाही देनी चाहिए।

⇒   किसी दूसरे को न तो अपशब्द बोलने चाहिए, न ही पर निंदा करनी चाहिए एवं न ही किसी के साथ गाली गलौंच करनी चाहिए।

⇒   मांसाहार, मध एवं मदिरापान का सेवन कदापि न करें।

⇒   सदैव सदाचार का पालन करें।

⇒   पर स्त्री से दूर रहे।

⇒   जंग लगा शस्त्र अथवा औजार घर में न रखें।

⇒   नित्य प्रातः शहद का सेवन करें।

⇒   साली, बुआ के घर मिष्ठान लेकर जाएँ।

⇒   बहिन, बेटी को मीठी वस्तुएं खिलाएं व उन्हें उपहार दे कर प्रसन्न रखें।

⇒   घर आये मेहमानो को सौंफ व मिश्री दें व उन्हें मिष्ठान खिलाएं।

⇒   जन्म दिन पर मिष्ठान बांटे।

⇒   मिष्ठान स्वमं भी खाएं व दूसरों को भी खिलाएं।

⇒   विधवा स्त्रियों की सहायता करें।

⇒   किसी से कोई वस्तु मुफ्त अथवा उपहार में न लें।

⇒   पत्नी की उचित देखभाल करें व उसे सुखी रखें।

⇒   भाई की संतान को प्रेम करें व उसका पालन करें।

⇒   बड़े भाई, ताऊ एवं मामा की सेवा करें।

⇒   निःसंतान से कभी कोई संपत्ति न खरीदें।

⇒   दक्षिण मुखी घर में निवास न करें।

⇒   हाथी दांत अथवा उससे निर्मित कोई वस्तु घर में न रखें।

⇒   काले, काने, गंजे एवं निःसंतान व्यक्ति से सावधान रहे।

 

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