ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

द्वितीय भाव स्थित चन्द्रमा ग्रह का लाल किताब कुंडली फलादेश एवं उपाय

Sandeep Pulasttya

7 साल पूर्व

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जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह दूसरे भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक धन सम्पद्दा से संपन्न रहने वाला होता है। ऐसे जातक को पद प्रतिष्ठा व संपत्ति पैतृक रूप में प्राप्त होती है। घर में सदा लक्ष्मी का वास रहेगा। ऐसा जातक उच्च पद पर आसीन होता है। ऐसे जातक की पत्नी धनी परिवार से होती है। जीवन के पच्चीस व चौंतीस वर्ष की आयु समय में धन हानि का दंश सहना पड़ सकता है।

जन्म कुण्डली में चन्द्रमा ग्रह दूसरे भाव में स्थित होने से जातक को भाई का सुख अवश्य प्राप्त होता है किन्तु बहिन का सुख मिले ऐसी संभावना कम ही है। ऐसे जातक को वंश वृद्धि का सुख प्राप्त होता है। ऐसा जातक सफल प्रेमी सिद्ध होता है। किन्तु दुनियावी प्रेम संबंधों के कारण बर्बाद होने की संभावना भी रहती है। ऐसे जातक के निवास के निकट कुआँ होना उसके लिए शुभकारी सिद्ध होता है। निवास की छत पर पानी की टंकी का होना वृद्धावस्था के लिए शुभकारी सिद्ध रहता है। किसी बुजुर्ग महिला की सेवा करने से अथवा श्वेत रंग के घोड़े का  पालन करने से जीवन में कदापि हार का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

चन्द्रमा : जन्मपत्री के द्वितीय भाव हेतु टोटके

♦   माता से चांदी व चावल लेकर अपने साथ रखना चाहिए।

♦   घर की नींव खोदते समय उसमें चांदी की ईंट रख दें।

♦   माता से आशीर्वाद प्राप्त करें।

♦   पलंग के पायों में चांदी की कील गाढ़ें अथवा तांबे की पत्ती लगाएं।

♦   स्त्री ऋण का उपाय करें।

♦   घर के मंदिर में शिवलिंग, घंटी व शंख न रखें।

 

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