8 साल पूर्व
भूमि के शुभ अथवा अशुभ होने का परीक्षण :
किसी भूखण्ड अथवा प्लाट पर गृह निर्माण कराने से पूर्व उस भूखण्ड की शुभता व अशुभता का परिक्षण अवश्य ही कर लें चाहिए। इसके लिए पीतल अथवा तांबे के बर्तन में चन्द्रमा से सम्बंधित वस्तुएं जैसे शहद, सौंफ, दूध आदि भर लें। भूखण्ड के चारो ओर सवा हाथ गहरी नींव खोद लें व उसमें पानी भर दें। अब भूखण्ड के बीचों बीच एक गड्ढा खोदकर उसमें इस बर्तन को दबा दें।
अब इसके पश्चात यदि अगले ४० दिनों तक सम्बंधित घर परिवार में कोई झगड़ा, विवाद दुर्घटना आदि नहीं होते तो आप इस भूखण्ड को शुभ समझ सकते हैं एवं यदि इस प्रकार की घटनाएं घटित होती हैं तो समझ लीजिये कि यह भूखण्ड गृह निर्माण हेतु आपके लिए शुभ अथवा उपयुक्त नहीं है। इस दौरान अशुभ प्रभाव मिलने पर बर्तन को निकालकर सभी वस्तुओं सहित बहते जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करते ही दुष्प्रभाव प्राप्त होने बंद हो जायेंगे।
दक्षिण दिशा मुखी मकान हेतु उपाय :
♦ बकरी अथवा बुद्ध ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं का दान करें।
बीम के अशुभ प्रभाव :
किसी मकान अथवा दुकान की बीम के नीचे न तो बैठें, न ही विश्राम करें, न ही सोयें व न ही कोई कार्य करें।
बीम के नीचे बैठने से अथवा सोने से मानसिक तनाव, व्यापार अथवा नौकरी में हानि, पारिवारिक कलह, देह में पीड़ा व अन्य रोग उत्पन्न होने लगते हैं अथवा उनकी संभावना तीव्र हो जाती है। बीम के नीचे भोजन पकाना अथवा मशीन आदि लगाकर कार्य करना दुर्घटना की संभावना उत्पन्न करता है।
विशेष उपाय :
♦ घर में सामान रखते समय यह सुनिश्चित कर लें कि एक दूसरे के निकट रखी हुई वस्तुएं परस्पर शत्रु ग्रह से सम्बंधित न हों।
♦ घर के आस पास बड़ा आकार लेने वाले वृक्ष न लगाएं। इससे संतान को हानि होती है व घर भी उजड़ जाता है।
♦ घर के निकट यदि पीपल का वृक्ष हो तो उसे सींचे। ऐसा न करने पर परिवार को हानि होगी।
♦ घर में अथवा घर के निकट कोई कीकर का वृक्ष हो तो उसे जड़ सहित उखाड़ दें। कीकर के वृक्ष की उपस्थति सम्बंधित जनो को निः संतान करती है।
♦ घर के आस पास के क्षेत्र में यदि कोई कुआँ हो तो उसमें यदा कदा गुड डाल देना चाहिए।
♦ कछुआ पीठनुमा भूखण्ड पर घर का निर्माण नहीं कराना चाहिए। ऐसा घर अशुभ फलदाई होता है।
♦ दक्षिण - पश्चिम दिशा में ढलान वाले भूखण्ड पर घर का निर्माण नहीं कराना चाहिए। ऐसा घर अशुभ फलदाई होता है।
♦ कब्रिस्तान अथवा शमशान की भूमि पर घर का निर्माण नहीं कराना चाहिए। ऐसा घर अशुभ फलदाई होता है।
♦ बंद गली के अंतिम भूखण्ड पर घर का निर्माण नहीं कराना चाहिए। ऐसा घर संतान पक्ष हेतु अशुभ फलदाई होता है।
♦ सदैव घर की उत्तर अथवा पश्चिम दिशा की ओर पाँव करके सोना चाहिए। पूर्व अथवा दक्षिण दिशा की ओर पाँव करके सोना अशुभ फलदाई होता है।
♦ घर के भीतर अथवा बाहर, रास्ते पर पलंग अथवा चारपाई बिछाकर सोने से सम्बंधित व्यक्ति नेत्र रोग से पीड़ित हो जाता है।
टोटके :
♦ पुष्य नक्षत्र में घर का निर्माण प्रारम्भ करने से शुभ रहता है।
♦ गृह प्रवेश के समय दान करें।
♦ जन्म कुण्डली में शनि ग्रह यदि तृतीय भाव में स्थित हो तो केतु के उपाय करें।
♦ जन्म कुण्डली में शनि ग्रह यदि चतुर्थ भाव में स्थित हो तो घर का निर्माण 45 वर्ष की आयु के पश्चात ही कराएं।
♦ घर के आस पास के क्षेत्र में यदि कोई कुआँ हो तो उसमें यदा कदा गुड अथवा दूध डालें।
♦ घर के निकट यदि कीकर का कोई बड़ा वृक्ष स्थित हो तो निरंतर तीन माह तक सूर्योदय से पूर्व उसकी जड़ को जल दें।
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