8 साल पूर्व
यदि कुंडली में राहु अशुभ होकर किसी भी भाव में स्थित है, तो ऐसी स्थिति में राहु ग्रह के कारण उत्पन्न होने वाले कष्टों व परेशानियों के निवारणार्थ हेतु लाल किताब के टोटके समस्त बारह भावों के अनुसार निम्नवत हैं :-
प्रथम भाव :
♦ बहते जल में नीले कपडे में बांधकर नारियल प्रवाहित करें।
♦ दूध से स्नान करें, लाभ मिलेगा।
♦ काले रंग के वस्त्र कदापि धारण न करें।
♦ कांसा, गेहू व गुड़ मंदिर में दान स्वरुप भेंट करें।
♦ चांदी का एकसमान आकार वाला चौकोर टुकड़ा धारण करें।
♦ 400 ग्राम अथवा 4 किलो कांसा बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ बिल्ली की जेर कपडे में बांधकर घर में रखें।
द्वितीय भाव :
♦ नित्य मस्तक पर हल्दी अथवा केसर का तिलक लगाएं।
♦ स्वर्ण आभूषण धारण करें।
♦ माता को सदैव सम्मान दें।
♦ चांदी से निर्मित गोलियां सदैव अपने समीप रखें।
♦ ससुराल पक्ष से सम्बन्ध मधुर रखें।
♦ घर की उत्तर पश्चिम दिशा में चांदी के बर्तन में जल भरकर रखें।
♦ हाथी के पाँव की मिट्टी उठाकर कुँए में डालें।
♦ जुआ, सट्टा अथवा तम्बोला न खेलें।
तृतीय भाव :
♦ हाथी दन्त से निर्मित वस्तुएं घर व स्वमं से दूर रखें।
♦ माँ दुर्गा का पूजन अर्चन करें।
♦ पुत्र के जन्म दिवस पर गेहूं, गुड़ व ताँबा दान करें।
♦ पुत्री के जन्म दिवस पर चावल, दूध एवं चांदी का दान करें।
♦ कन्यादान करें।
♦ परिवार से अलग रहे।
♦ कदापि झूंठ न बोलें।
♦ झूंठी गवाही न दें।
♦ नित्य सूर्योदय के पश्चात चिड़ियों को दान चुगाएं।
चतुर्थ भाव :
♦ चांदी से निर्मित अंगूठी धारण करें।
♦ घर के भीतर अथवा बाहर गन्दा पानी जमा न होने दें।
♦ घर की सीढ़ियों के नीचे रसोईघर का निर्माण न करें।
♦ गंगा स्नान करते रहें।
♦ चरित्र उत्तम रखें।
♦ बहते जल में नारियल प्रवाहित करें।
♦ किसी काम को प्रारम्भ करें तो उसे अधूरा न छोड़ें।
पंचम भाव :
♦ अपनी पत्नी से सम्पूर्ण पद्धत्ति से पुनःविवाह करें।
♦ पराई स्त्री से दूर रहे।
♦ ठोस चांदी से निर्मित नीचे सूंड वाला हाथी घर में रखें।
♦ नित्य मंदिर में जाकर प्रभु के चरणों में माथा टेकें।
♦ पत्नी के सिरहाने रात्रि में पांच मूलियाँ पत्तों सहित रखकर प्रातः मंदिर में दें।
षष्टम भाव :
♦ सदैव रांगे की गोलियां अपने निकट रखें।
♦ सरस्वती जी पर नीले रंग के पुष्प 6 दिन तक अर्पित करें।
♦ काले रंग का कुत्ता पालें।
♦ घर व आफिस की खिड़कियों पर काले शीशे लगवाएं।
सप्तम भाव :
♦ 40 - 40 ग्राम की चांदी से निर्मित दो इंटे घर में रखें।
♦ शनिवार के दिन नारियल बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ घर में कोई दुधारू पशु न पालें।
अष्टम भाव :
♦ रांगे के 8 टुकड़े बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ चांदी का चौकोर आकार का टुकड़ा अपने साथ सदैव रखें।
♦ नारियल को नीले वस्त्र में लपेटकर बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ वर्षफल में भी यदि राहु अष्टम भाव में स्थित हो तो उस वर्ष शौंचालय का स्थान न बदलें।
नवम भाव :
♦ स्वर्ण आभूषण धारण करें।
♦ सिर पर छोटी रखें।
♦ नित्य मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं।
♦ मंदिर में माथा टेकें।
♦ संयुक्त परिवार में रहे।
दशम भाव :
♦ मसूर की दाल बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ सिर पर सदैव टोपी अथवा पगड़ी पहने, ध्यान रहे यह काले रंग की न हो।
♦ 4 किलो अथवा 400 ग्राम शक्कर बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ दूध को उबालते समय बर्तन से नीचे न गिरने दें।
♦ हिरन की सेवा करें।
एकादश भाव :
♦ 4 किलो अथवा 400 ग्राम रांगा बहते जल में प्रवाहित करें।
♦ चांदी के गिलास में सदैव जल व दूध पियें।
♦ सफाई कर्मचारी को यदा कदा छुट्टे पैसे दें।
♦ घर में अस्त्र शस्त्र न रखें।
♦ इलेक्ट्रॉनिक्स से सम्बंधित खराब उपकरण ठीक कराकर ही रखें।
♦ मंदिर में जाकर दान दक्षिणा करें।
द्वादश भाव :
♦ ठोस चांदी से निर्मित नीचे सूंढ़ वाला हाथी घर में स्थापित करें।
♦ रसोईघर में बैठकर भोजन करें।
♦ सरस्वती जी का नियमित रूप से पूजन करें।
♦ सौंफ व चीनी अपने तकिये के नीचे रखें।
♦ व्यर्थ की चिंता न करें।
समस्त भावों हेतु राहु के सामान्य उपाय :
♦ इलेक्ट्रॉनिक्स से सम्बंधित खराब उपकरण ठीक कराकर ही रखें।
♦ सरस्वती जी का नियमित रूप से पूजन करें।
♦ विवाह में कन्या दान करें।
♦ धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन कदापि न करें।
♦ गोमेद रत्न धारण करें।
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