3 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में शुक्र ग्रह नवम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक बुद्धिमान होता है एवं परिश्रम से गुजर बसर करने वाला होता है। ऐसा जातक धन का संचय करने में असमर्थ रहता है। जातक के नशे का आदि होने के कारण जातक को विभिन्न भयंकर रोग आक्रांत करते है एवं धन भी नष्ट हो जाता है। लेन देन का व्यापार शुभ नहीं रहता। इसका कुप्रभाव संतान पर भी प्रभावी होता है। जातक का भाग्य मंदा रहता है। कृषि कार्य में बरकत नहीं होती।
जन्म कुण्डली में शुक्र ग्रह नवम भाव में स्थित होने से जातक को घर में किसी बर्तन में शहद भरकर रखने से, घोडा पालने से अथवा भूमि जल दोहन स्रोत लगवाने से अशुभता, शुभता में परिवर्तित हो जाती जाती है एवं जातक के अंत मन को शान्ति प्राप्त होती है साथ ही साथ धन वृद्धि भी होती है। जातक के विवाह के पश्चात बुरा समय जैसे उसके पीछे ही पड़ जाता है। जातक को पच्चीस वर्ष की आयु के पश्चात विवाह करना उचित रहता है। जातक में दुसरो का कष्ट अपने सर लेने की प्रवृत्ति उसके जी का जंजाल बन जाती है किन्तु इस कारण जातक को शुभ प्रभाव प्राप्त होता है।
जन्म कुंडली के नवम भाव हेतु शुक्र ग्रह टोटके :
♦ अनाथ बच्चों को गोद न लें।
♦ पितृ ऋण के उपाय करें।
♦ चांदी के चौकोर टुकड़े नीम के पेड़ में गाढ़ दें।
♦ घर की नींव में चांदी की डिब्बी में शहद भरकर दबा दें।
♦ आयु के पच्चीसवें वर्ष में विवाह न करें।
♦ चांदी के कड़े पर तांबे की पॉलिश चढ़वाकर धारण करें।
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