ज्योतिषशास्त्र : लाल किताब

लाल किताब जन्म कुंडली विवेचना में षष्टम भाव का महत्व

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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किसी जातक की लाल किताब जन्म कुंडली विवेचना में छठा भाव क्या बतलाता है ? जाने

 

♦   लाल किताब अनुसार जन्म कुण्डली में स्थित षष्टम भाव का स्वामी ग्रह बुध है एवं कारक ग्रह बुध एवं केतु हैं।

♦   षष्टम भाव में बुध एवं केतु गृहफल के ग्रह हैं एवं शनि राशिफल का ग्रह होता है।

♦   लाल किताब की धारणा अनुसार षष्टम भाव को घर के ख़ुफ़िया रास्ते एवं तहखाने से सम्बंधित बताया गया है।

♦   किसी जातक के शत्रु, सेवक, रोग एवं मामा के सम्बन्ध में विवेचन षष्टम भाव से किया जाता है।

♦   नाना एवं भांजे का मकान कैसा होगा इसी भाव से देखा जाता है।

♦   रिश्तेदारों से मिलने वाली सहायता के सम्बन्ध में षष्टम भाव ही बताता है।

♦   जातक के भाग्य में कितना ह्रास होगा षष्टम भाव से विवेचित होता है।

♦   गृहस्थी धर्म का पालन जातक किस सीमा तक करेगा इसका विवेचन भी इसी भाव से होता है।

♦   पुत्र अथवा पुत्री के ससुराल से जातक के संबंधों की स्थिति का ज्ञान भी षष्टम भाव से ज्ञात होता है।

♦   घर की उत्तर दिशा से षष्टम भाव सम्बंधित होता है।

 

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