7 साल पूर्व
हृदय रेखा की हथेली पर स्थिति :
मनुष्य की हथेली में हृदय रेखा तर्जनी अुंगली के नीचे से प्रारम्भ होकर हथेली को काटती हुई छोटी अंगुली के नीचे समाप्त होती है।
प्रभाव एवं फलादेश :
जिस व्यक्ति की हथेली पर स्थित हृदय रेखा एकदम सीधी होती है, वह व्यक्ति भावुकता से दूर रहता है। उसके भीतर भावनाओं की जाग्रति हेतु मानसिक रूप से प्रेरित करने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसा व्यक्ति सामाजिक तुनकमिजाजी का शिकार होता है एवं उसमें प्रेम व मैत्री के प्रति उत्तरदायित्व का आभाव होता है। ऐसे स्त्री या पुरुष कामुकता के प्रलोभनों में नहीं फंसते। ये जिनसे प्रेम करते हैं अथवा विवाह बंधन में बंधने के इच्छुक हैं, उनके बौद्धिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्तर अथवा गुणों को अपेक्षाकृत ज्यादा महत्तव देते हैं।
जिस व्यक्ति की हथेली पर स्थित हृदय रेखा से जो शाखाएं निकलती हैं वे यदि नीचे की ओर झुकी हुई हों, तो सम्बंधित व्यक्ति के निराश एवं कुण्ठाग्रस्त होने की सूचना देती हैं। किन्तु यदि हृदय रेखा से निकलने वाली शाखाएं ऊपर की ओर जा रही हों, तो सम्बंधित व्यक्ति पर मित्रों के सही एवं अच्छा प्रभाव प्राप्त होने की सूचक हैं।
जिस व्यक्ति की हथेली पर स्थित हृदय रेखा छोटी होती है तो ऐसा व्यक्ति उदासीन, कठोर एवं अत्यधिक क्रूर प्रवृत्ति का होता है। किन्तु यदि हृदय रेखा लम्बी होती है तो यह सम्बंधित व्यक्ति के दयालु एवं स्नेही स्वभाव वाला होने की सूचक है।
जिस व्यक्ति की हथेली पर स्थित हृदय रेखा गहरी बनी होती है ऐसा व्यक्ति गिने चुने मित्रों के प्रति गहरे स्नेह एवं आदर के भाव रखता है। किन्तु यही हृदय रेखा चौड़ी बनी हो तो सम्बंधित व्यक्ति के असंख्य लोगों के प्रति उमड़े प्रेम की कहानी कहती है।
जिस व्यक्ति की हथेली पर स्थित हृदय रेखा हथेली के किनारे से निकलती है, तो ऐसा व्यक्ति कुण्ठा एवं निराशा से उत्पन्न होने वाले आदर्श की प्रवृत्ति रखता है। ऐसा व्यक्ति मनुष्यों की अपेक्षा मूर्तियों से प्रेम करता है। ऐसा व्यक्ति कभी भी मानवीय सीमाओं को मान्यता नहीं देता। ऐसा व्यक्ति सदा ही सच्चे एवं निर्दोष मित्र तथा अनुनाईयों की कामना रखता है।
जिस व्यक्ति की हथेली पर स्थित हृदय रेखा जब हथेली को लम्बे मोड़ से काटती हुई जाती है, तो सम्बंधित व्यक्ति उत्साहपूर्ण एवं भावुक प्रवृत्ति वाला होता है। ऐसे व्यक्ति का हृदय सच्चा होता है एवं यह अच्छा साथी भी सिद्ध होता हैं। इस प्रकार की हृदय रेखा के स्वामी व्यक्ति प्रिय पुत्र, स्नेही मित्र एवं आज्ञाकारी बच्चे सिद्ध होते हैं।
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