ज्योतिषशास्त्र : हस्तरेखा एवं अंकज्योतिष

अंक ग्यारह 11 का महत्व एवं फलादेश

Sandeep Pulasttya

6 साल पूर्व

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अंक ज्योतिष के अनुसार अंक ग्यारह में मूलांक दो के गुणों के अतरिक्त ग्रहण शक्ति भी विधमान होती है। ग्यारह का अंक रहस्यपूर्ण एवं अंक दो चन्द्रमा की भांति अदभुद होता है। अंक ग्यारह उस समय तक लक्ष्य प्राप्त करने में असंदिग्ध है एवं अनिर्णय की भावना उत्पन्न करता है, जब तक कि सम्बंधित व्यक्ति स्वमं को पर्याप्त रूप से प्रताड़ित न कर ले। यह स्थिति ठीक वैसी ही है जैसी कि चन्द्रमा की प्राप्ति हेतु किसी रोने वाले बच्चे की होती है।

मूलांक दो, जिन व्यक्तियों का होता है, वे अपने शान्त एवं आत्म केन्द्रित व्यक्तित्व से प्रतिष्ठा के शिखर को छू अथवा प्राप्त कर सकते है, किन्तु अंक ग्यारह की उपस्थिति में इस प्रतिष्ठा को प्राप्त करना असंदिग्ध हो जाता है।

 

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