6 साल पूर्व
मणिबन्ध
कलाई पर समानान्तर जाती हुई स्पष्ट रेखाएं मणिबन्ध कहलाती हैं।
इनकी यदि गिनती करनी हो तो हथेली की ओर से प्रारम्भ करें। जो रेखा हथेली के सबसे निकट होती है वह पहली रेखा के रूप में गिनी जाती है।
पहला मणिबन्ध यदि स्पष्ट रूप से बना हो, तो अच्छे स्वास्थ्य की ओर संकेत करता है। इसे अच्छे भाग्य का चिन्ह भी माना जाता है।
अस्पष्ट बने मणिबन्ध अतिरंजना एवं दुराचारी प्रवृत्ति के सूचक हैं।
जिन व्यक्तियों की कलाई पर स्थित मणिबन्ध द्वीपयुक्त अथवा श्रृंखलाकार हों, तो ऐसे व्यक्तियों का जीवन कठिन व परिश्रमयुक्त होता है, ऐसे व्यक्ति सफलता एवं उपलब्धि से दूर ही रहते हैं। चिन्ता एवं उद्वेग इन्हे अक्सर घेरे रहते हैं।
जिस व्यक्ति की कलाई पर स्थित मणिबन्ध बाहर की ओर झुकाव लिए हों, उसके गुप्त रोगी होने की सम्भावना है। इससे युक्त स्त्रियां सन्तान को जन्म देने में कठिनाई का सामना करती है।
रहस्यमय क्रास
रहस्यमय क्रास की हथेली पर स्थिति हृदय रेखा एवं मस्तिष्क रेखा के बीच में होती है। यह क्रास रहस्यात्मक रुझान एवं भविष्यवाणी करने की अदभुद शक्ति का प्रतीक चिन्ह है। जिन जातकों की हथेली पर यह क्रास स्थित होता है उन्हें अपना भविष्य जानने के लिए अन्य भविष्य वक्ताओं की आवश्यकता नहीं पड़ती है। ऐसे लोग हस्तरेखा विशेषज्ञ की अपेक्षा अपने बारे में स्वयं, ज्यादा अनुमान लगा सकते हैं। रहस्मय क्रास ईश्वर से प्रद्दत एक अदभुद उपहार है।
वैज्ञानिक रुचि
वैज्ञानिक रुचि रेखाएं असल में दो ऊध्र्वगामी रेखाएं होती हैं; किन्तु कभी-कभी ये रेखाएं छोटी अंगुली की जड़ में हृदय रेखा के ऊपर झुकी हुई, समानान्तर रेखाओं के रूप में, भी स्थित होती हैं |
जिन व्यक्तियों की हथेली पर ये रेखाएं मिलती है ऐसे व्यक्तियों में चिकित्सा एवं वैज्ञानिक क्षेत्र में अदभुद प्रसिद्धि प्राप्ति की आपार संभावना होती है।
चिकित्सा चिन्ह
हथेली पर स्थित तीन से चार ऊपर को जाती हुई रेखाएं एवं उन रेखाओं को काटती हुई एक पतली रेखा को चिकित्सा चिन्ह कहते हैं। यह कनिष्ठा अुंगली की जड़ में स्थित होता है।
यह रोगी को स्वस्थ करने की जन्मजात शक्ति का संकेत चिन्ह है। यह चिन्ह उन चिकित्सकों की हथेली पर उपस्थित होता है, जिन्होंने रोगियों के सफल उपचार करने में सफलता पाई है।
कई ऐसे चिकित्सकों को मैं भली प्रकार से जानता हूँ, जिनकी हथेली पर यह चिन्ह स्थित है। ये चिकित्सक वह उन रोगियों को भी ठीक कर सकते हैं, जिन्हें अन्य चिकित्सक निराश एवं असाध्य कर चुके हों।
चन्द्र रेखा
चन्द्र रेखा हथेली पर एक कमाननुमा रेखा होती है, जो कि मंगल पर्वत से शुरू होकर हथेली को पार करती छोटी अंगुली की जड़ में पहुँचती है। इसे अन्तः चेतना की रेखा भी कहते हैं।
जिन व्यक्तियों की हथेली पर यह रेखा स्थित होती है उन व्यक्तियों में अदभुद ग्रहणशक्ति, अलौकिक एवं दूरदर्शी होने सम्बंधित शक्तियां समाहित रहती हैं। ऐसे व्यक्ति दिव्य दृष्टि वाले एवं अदभुद मानसिक शक्ति से सम्पन्न होते हैं। ऐसे व्यक्ति स्पष्ट वक्ता एवं कृपालु दृष्टि वाले होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के स्वप्न अकसर सत्य हो जाते हैं।
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