7 साल पूर्व
पीला रंग व इसकी अभिव्यक्ति :
पीला रंग स्वस्थ एवं दृढ़ चरित्र का प्रतीक है। यह रंग सूर्य का रंग है एवं सहृदयता, शालीनता, मिलनसारी तथा बौद्धिकता का प्रतीक भी होता है। एशिया के भिक्षुकों और रहस्यवादियों को यह रंग अति प्रिय है। यह बुद्धि एवं रचनात्मकता का प्रतीक रंग है। ऐसे व्यक्ति वैज्ञानिक मस्तिष्क वाले होते हैं एवं पागलपन की अवस्था में भी रीति पर चलते है। इस रंग को कला एवं शिल्पकारी से सम्बंधित रंग भी माना गया है।
जब पीले रंग में सुनहरी चमक न हो एवं रंग का शेड भी हल्का हो तो बुद्धि सावधानी बरतने के उपरान्त ही नियंत्रित रहती है। ऐसे व्यक्तियों में जीवन में बहुत कुछ प्राप्त करने की इच्छा तो प्रबल रहती है, किन्तु सफलता प्राप्त करने हेतु जिस सामर्थ्य की आवश्यकता होने चाहिए वह उनमें नहीं होती।
जिन व्यक्तियों को हल्का पीला रंग प्रिय होता है वे व्यक्ति स्वार्थी स्वभाव की प्रवृत्ति वाले होते है। ऐसे व्यक्ति अन्तदर्शी होते हैं एवं प्रत्येक मौके का फायदा उठाना जानते हैं। पीला रंग भूरापन लिए हो, तो व्यग्र मस्तिष्क एवं अस्वस्थता का प्रतीक होता है। ऐसे व्यक्ति छोटी मोटी सफलताएँ पाने में लगे रहते हैं, किन्तु बड़ी चीजें इनसे ठीक उसी प्रकार छिपी रहती हैं जिस प्रकार कोई अवरोध सूर्य को छिपा लेता है।
स्वर्णिम आभा युक्त रंग व इसकी अभिव्यक्ति :
स्वर्णिम आभा युक्त रंग जीवन एवं विश्व के प्रति गहन सूझबूझ का प्रतीक है। जिन व्यक्तियों को यह रंग प्रिय होता है वे अंतः ज्ञान की सहातया से समस्त वस्तुओं की सूक्ष्मता को बड़े ध्यान से समझते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरों के चरित्र को ठीक उसी प्रकार देख लेते हैं, जैसे शीशे में स्पष्ट दीखता है। ऐसे व्यक्ति अपनी शक्ति का व्यय जीवन में स्थिरता पाने के लिए करते हैं।
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