8 साल पूर्व
अंक शास्त्र में ज्योतिषाचार्यों ने विभिन्न रंगों को एक निश्चित अंक प्रदान कर उन्हें अंक शक्ति प्रदान की है, जिसका विवरण निम्न प्रकार से है -
रंगों के अंक :
काला रंग :- काले रंग को अंक 1 प्रदान किया गया है।
पीला रंग :- पीले रंग को अंक 2 प्रदान किया गया है।
बैंगनी रंग :- बैंगनी रंग को अंक 3 प्रदान किया गया है।
संतरी रंग :- संतरी रंग को अंक 4 प्रदान किया गया है।
नीला रंग :- नीले रंग को अंक 5 प्रदान किया गया है।
हरा रंग :- हरे रंग को अंक 6 प्रदान किया गया है।
ग्रे रंग :- ग्रे रंग को अंक 7 प्रदान किया गया है।
भूरा रंग :- भूरे रंग को अंक 8 प्रदान किया गया है।
लाल रंग :- लाल रंग को अंक 9 प्रदान किया गया है।
सफेद रंग चूंकि समस्त रंगों का जन्मप्रदाता रंग है अतः इसका कोई अंक नहीं है। सिल्वर रंग भी ग्रे रंग के सामान ही होता है, अतः इसे अंक 7 प्रदान किया गया है।
हमारे भाग्य को अंक एवं रंग भी उतना ही प्रभावित करते है, जितना कि नक्षत्र। जब कोई वस्तु अपने पर पड़ रही सूर्य की किरणों को प्रतिबिम्बित करके जिस रंग के प्रकाश की आभा उत्पन्न करती है वही रंग सम्बंधित वस्तु का रंग माना गया है। प्रत्येक व्यक्ति में पूर्वाभास अथवा ईश्वरीय निस्सरण होता है, जो कि उस व्यक्ति के चरित्र, वृत्ति एवं भविष्य की क्षमताओं का धोतक माना जाता है।
प्रत्येक व्यक्ति इस निस्सरण को आंशिक रूप से महसूस कर सकता है किन्तु उसके प्रभाव से भिज्ञ अथवा अनभिज्ञ भी रह सकता है। कभी कभी आपने स्वमं देखा होगा की आपको अकारण ही क्रोध आ जाता है। आप भी यह नहीं जान पाते की ऐसा अचानक क्यों हुआ, किन्तु इसका कारण उस व्यक्ति के कपड़ों में आपके प्रतिकूल रंग की उपस्थिति है। इसी प्रकार अकारण ही आप मूडी एवं उदासी बन जाते हैं, जो कि किसी विशेष रंग के कारण से ही होता है।
कुछ रंग दिमाग को उत्तेजित करते हैं एवं ये रंग इतने सूक्ष्म होते हैं कि मस्तिष्क पर अपना प्रभाव भी नहीं छोड़ते हैं। ऐसे रंगों को खोज कर तत्पश्चात उन्हें स्पन्दन देने वाले रंग के रूप में प्रयोग किया जाए इस प्रकार चरित्र एवं भविष्य की योजनाओं पर नियन्त्रण रखा जा सकना संभव हो सकता है।
समस्त रंगों के विभिन्न शेड्स मिलते हैं। अतः अपने प्रिय रंगों अथवा उनके शेड्स को उनकी आभा के प्रभाव अनुसार चुनकर व्यक्तित्व एवं चरित्र संवारा जा सकता हैं।
रंग संयोग
किसी व्यक्ति को प्रिय लगने वाले रंग संयोग को देखकर हम उसके चरित्र एवं व्यक्तित्व का सही सही आंकलन कर सकते हैं।
कुछ ऐसे रंग उपलब्ध है जो प्ररेणा स्रोत हैं एवं अभिलाषाओं को जाग्रत करने वाले हैं, यह ठीक है कि उनके साथ अन्य रंगों का भी संयोग स्थित है, उदाहरणस्वरुप हमारे राष्ट्रीय ध्वज में या स्कूल की पोशाकों में यह संयोग प्राप्त होता हैं। यह रंग सदियों पूर्व मृत्यु को प्राप्त हुए व्यक्तियों के माध्यम से चलाए गए रंग हैं; जो अभी तक चले आ रहे हैं।
प्रथम एवं दूसरे विश्वयुद्ध में विजयी होने वाले देशों के ध्वजों में लाल रंग उपस्थित था, जबकि जो देश पराजित हुए थे उनके ध्वजों में लाल रंग कहीं उपस्थित था ही नहीं। अतः इससे यह सिद्ध होता है कि लाल रंग विजय को प्रदर्शित करने का रंग है। आश्चर्य नहीं है कि समस्त कम्युनिस्ट देशों के राष्ट्रीय ध्वजों में लाल रंग उपस्थित है। यह चुनाव अचानक किया गया या सोच विचार कर, महत्तव तो रखता ही है। दीघर है कि कम्युनिस्ट देश दिन प्रतिदिन विकास एवं प्रगति कर रहे हैं एवं विजयश्री भी प्राप्त कर रहे हैं।
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