ज्योतिषशास्त्र : वास्तुशास्त्र एवं फेंगशुई

रंग व्यवस्था हेतु फेंगशुई व वास्तु की धारणाएं

Sandeep Pulasttya

8 साल पूर्व

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वास्तु शास्त्र की धारणा के अनुसार, हरा रंग उत्तर दिशा एवं दक्षिण-पश्चिम दिशा हेतु, उजला सफ़ेद रंग उत्तर-पश्चिम दिशा एवं पूर्व दिशा हेतु उपयुक्त रहता है। दक्षिण दिशा हेतु गुलाबी, उत्तर-पूर्व दिशा हेतु पीला एवं पश्चिम दिशा हेतु आसमानी रंग उपयुक्त माने गए हैं। लाल एवं हरे रंग का मेल व्यवसाय में प्रगति देने वाला माना गया है।

घर में रंग कराते समय ऐसे रंग चुनने चाहिएँ जिनके उपयोग से कमरे बड़े एवं रोशनी से युक्त प्रतीत हों। हल्कें रंग इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु उपयुक्त रहते हैं। सफेद एवं क्रीम रंग से पुती हुई छतें एवं दीवारें सर्वाधिक प्रकाश परावर्तन करती हैं जिसके फलस्वरूप कक्ष प्रकाशमान रहता है। किन्तु गहरे रंग प्रकाश को शोषित कर लेते हैं, जिसके कारण कमरे में प्रकाश कम प्रतीत होता है। सफेद रंग सबसे ज्यादा प्रकाश का परावर्तन करता है, हरा रंग उससे कुछ कम करता है, भूरा रंग उससे भी कम तथा काला रंग बिल्कुल भी प्रकाश का परावर्तन नहीं करता है। अतः इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, घर के भीतरी तथा बाहरी कक्षों हेतु रंगों का चयन करना चाहिए।

फेंगशुई के अनुसार हर दिशा से सम्बन्धित कुछ अच्छे और कुछ हानिकारक रंग होते हैं। पूर्व दिशा तथा दक्षिण-पूर्व दिशा हेतु श्रेष्ठ रंग हरा तथा वर्जित रंग सफेद है। उत्तर-पूर्व दिशा, दक्षिण-पश्चिम दिशा तथा घर के केन्द्र स्थल हेतु श्रेष्ठ रंग पीला तथा वर्जित रंग हरा है। उत्तर-पश्चिम दिशा एवं पश्चिम दिशा हेतु श्रेष्ठ रंग सफेद तथा वर्जित रंग लाल तथा नारंगी हैं। दक्षिण दिशा हेतु लाल व नारंगी श्रेष्ठ रंग एवं नीला व काला वर्जित रंग माने जाते हैं। उत्तर दिशा हेतु फेंगशुई ने नीले रंग को श्रेष्ठ एवं पीले रंग को हानिकारक माना हैं।

 

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