7 साल पूर्व
वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि परद शिवलिंग एवं श्वेतार्क गणपति की घर में स्थापना कर अनेको दुर्लभ लाभ अर्जित किये जा सकते हैं | निम्नवत सम्बंधित विवेचना प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि आमजन मानस भी लाभान्वित हो सकें :
परद शिवलिंग :
परद शिवलिंग का तात्पर्य पारे से निर्मित शिवलिंग से है। पारे धातु से निर्मित शिवलिंग को किसी भी अन्य धातु से निर्मित शिवलिंग से श्रेष्ठ माना गया है। इस शिवलिंग को सुख समृद्धिदायक एवं समस्त पापों को क्षमा करने वाला कहा गया है। घर में एक व्यस्क मनुष्य के हाथ के अंगूठे के आकार का परद शिवलिंग शोडषोपचार के पश्चात् रवि अथवा गुरु पुष्य नक्षत्र में स्थापित करें। यह बात अवश्य ध्यान रखें कि एक घर में दो परद शिवलिंग कदापि स्थापित न करें।
श्वेतार्क गणपति :
श्वेतार्क अथवा सफेद आक के पौधे की जड़ से निर्मित गणपति जी की प्रतिमा धन, समृद्धि, स्वास्थ्य एवं उत्साह प्रदान करने वाली मानी जाती हे। श्वेतार्क गणपति की विधिवत स्थापना करके प्रतिदिन दीप प्रज्जवलित करके मंत्रोच्चार के साथ आराधना करने से परम शुभ लाभ प्राप्त होते हैं।
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