8 साल पूर्व
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड ऊर्जा का एक अलौकिक गतिशील भंवर है। बड़े बड़े ज्योतिषाचार्यों एवं ऋषि मुनियों ने यह सिद्ध किया है कि किस्मत का लिखा कभी नहीं मिटता। रामायण, महाभारत एवं शास्त्रों में पौराणिक घटनाक्रम के जो व्याख्यान उपलब्ध हैं, उनसे भी इस कथन को बल मिलता है। बहुतेरे ज्ञानी ज्योतिष भविष्य को खतरे से बचाने के लिये उपाय दर उपाय एवं टोटके करते रहे, परन्तु वे उस घटना को पूर्णतः बचा नहीं पाये। टोटके एवं उपायों के प्रभाव से हम भविष्य के घटनाचक्र को हम अपने अनुरूप बदल लेंगे एवं अपने कष्टों को दूर कर लेंगे, ऐसा सोचना अनुचित ही है। वस्तुतः सत्य यह है कि टोटके एवं उपायों के प्रभाव से भविष्य के घटनाचक्र से उत्पन्न होने वाले प्रभाव को कुछ कम या अधिक किया जा सकता है।
यहां हम मकर लग्न की कुण्डली के अनुसार मंगली दोष निवारण हेतु कुछ टोटके एवं उपाय दे रहे हैं।
मकर लग्न के जातक हेतु मांगलिक दोष निवारण :-
प्रथम अथवा लग्न भाव में मंगल ग्रह स्थित है :
उपाय : सम्बंधित जातक यदि सोने की अंगूठी में मूंगा रत्न धारण करें, कदापि झूठ न बोलें, किसी को कुछ दान न करें, सदैव माता की सेवा करें, हाथी दन्त से निर्मित वस्तुओं से दूर रहें, शराब, मधपान एवं मांसाहार से दूर रहे तो मांगलिक दोष का निवारण होता है।
चौथे भाव में मंगल ग्रह स्थित है :
उपाय : सम्बंधित जातक यदि कटुता की भावना एवं निन्दा से दूर रहे, माता की सदैव सेवा करें, दक्षिणी मुखी मकान में कदापि न रहें, चांदी के कड़े में तांबे की कील या पत्ति लगवाकर धारण करें तो मांगलिक दोष का निवारण होता है।
सप्तम भाव में मंगल ग्रह स्थित है :
उपाय : सम्बंधित जातक यदि बहिन, लड़की, बुआ व साली को मीठा खिलायें, मेहमानों को मीठा खिलायें, मद्य और मांस का सेवन न करें, कच्ची दीवार बनाकर गिरायें, भाई की संतान का पालन करें तो मांगलिक दोष का निवारण होता है।
अष्टम भाव में मंगल ग्रह स्थित है :
उपाय : सम्बंधित जातक यदि सोने की अंगूठी में मूंगा धारण करें, लोगों में मिष्ठान बांटें, दक्षिणी मुखी मकान में कदापि न रहें, विधवा स्त्रियों की सेवा करें एवं काले, काने, अपंग, गंजे एवं निःसन्तान से दूर रहे तो मांगलिक दोष का निवारण होता है।
द्वादश भाव में मंगल ग्रह स्थित है :
उपाय : सम्बंधित जातक यदि जंग लगा हथियार घर में न रखें, दूध एवं हलवा खायें व दूसरों को भी खिलायें, हनुमान चालीसा का पाठ करें, सोने की अंगूठी में मूंगा रत्न धारण करें, मॉस एवं मदिरा से दूर रहें तो मांगलिक दोष का निवारण होता है।
साधारण तंत्र उपचार
मांगलिक दोष के निवारणार्थ प्राणायाम करते हुए गले के चक्र पर ध्यान लगाएं। चन्द्रमा की किरणों को बढ़ाने का उपाय करें। इससे रक्तिम किरणें सिन्दूरी एवं नारंगी हो जायेंगी और कर्म एवं भोग की प्राप्ति होगी।
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