ज्योतिषशास्त्र : वैदिक पाराशर

वैदिक कुंडली में वीणा योग की पहचान एवं फलादेश

Sandeep Pulasttya

7 साल पूर्व

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किसी जातक की जन्म कुण्डली विवेचन में उस कुण्डली में स्थित योग अपना अलग ही महत्व रखते है। योग से तात्पर्य ग्रहों के कुछ विशेष जोड़ है अर्थात् ग्रह जब विशेष परिस्थिति में कुछ खास योग बनाते हैं तो ऐसी स्थिति में शुभ अथवा अशुभ फल प्रदान करते हैं।

यहाँ वीणा योग का विवेचन किया जा रहा है -

 

वीणा योग :

किसी जातक की जन्म कुण्डली में यदि सात राशियों में समस्त नवग्रह स्थित हों, तो वीणा योग बनता है।

 

फलादेश

वीणा योग में जन्म लेने वाले जातक पर माँ भगवती सरस्वती की महान् कृपा होती है। ऐसा जातक धनवान्, विद्वान्, कलाकार अथवा फिल्म अदाकार, संगीतकार अथवा संगीत के प्रति रूचि रखने वाला, गायक अथवा गीतकार, लेखक अथवा कवि होता है।

 

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