8 साल पूर्व
जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह प्रथम भाव में स्थित होता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जातक बहादुर, साहसी एवं विद्वान होता है। ऐसा जातक सरकारी सेवा सम्बंधित कार्यों एवं सलाहाकार की भूमिका सम्बंधित कार्यों में रूचि लेने वाला एवं उनसे लाभ उठाने वाला होता है। ऐसा जातक जीवन काल की पेंतीस से चालीस वर्ष की आयु तक ही नौकरी करता है। ऐसे जातक को बिल्डिंग मटेरियल से सम्बंधित व्यापार करने से लाभ प्राप्त होता है। यदि यही कार्य परिवार के साथ मिलकर किया जाए तो लाभ की प्रतिशतता में और भी अधिक वृद्धि हो जाती है। लकड़ी से सम्बंधित कार्य भी शुभ फलदायक होता है। ऐसा जातक स्वमं ही अपने भाग्य को जगाने वाला होता है। ऐसा जातक जीवन काल के अट्ठाइसवें वर्ष की आयु के पश्चात उन्नति करता है।
जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह प्रथम भाव में स्थित होने से जातक बड़ा ही खुश मिजाज एवं प्रसन्न चित्त रहने वाला होता है। ऐसा जातक उप्पर से जैसे दिखाई देता है, भीतर से भी वैसा ही होता है। ऐसा जातक यदि नेकी छोड़ दे तो कलंकित हो जाता है। ऐसा जातक किसी के किये अहसान को सदैव याद रखने वाला होता है। ऐसे जातक को अपने शत्रुओं से सदैव सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ऐसा जातक संतान से सुख पाता है। ऐसा जातक भाई के सुख से युक्त होता है किन्तु बहिन के सुख का अभाव रहता है। ऐसे जातक को शारीरिक कष्ट होने की पूर्ण संभावना रहती है। जातक यदि किसी को कोसे तो वह सच हो जाता है। ऐसे जातक का आशीर्वाद भी फलित होता है। जातक को किसी से मुफ्त में प्राप्त हुई वस्तु फलित नहीं होती। ऐसा जातक पलटकर वार करने वाला होता है।
जन्मपत्री के प्रथम भाव हेतु मंगल ग्रह टोटके :
♦ कभी भी झूंठ न बोलें।
♦ किसी से उपहार व दान स्वरुप कोई वस्तु न लें।
♦ हाथी दन्त से निर्मित वस्तुएं घर में अथवा समीप न ही रखें व न ही प्रयोग करें।
♦ बड़े भाई के जीवित रहने पर लाल रंग का रुमाल सदैव अपने निकट रखें।
♦ भाई एवं साले की सेवा करें।
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