ज्योतिषशास्त्र : मन्त्र आरती चालीसा

श्री शनिदेव जी की आरती

Sandeep Pulasttya

7 साल पूर्व

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।।   श्री  शनिदेव जी की आरती  ।।


जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नालाम्बर धार नाथ गज की अवसारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी । मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी । लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।
दे दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी । विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हिकारी ।

 

।। Shri Shani Dev Arti ।।

 

Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l Sooraj Ke Putra Prabhu Chaaya Mahataari ll
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Shyaam Ank Vakra Drasht Chaturbhujaa DhaarilNilaambar Dhaar Naath Gaj Ki Asavaari ll
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Kirit Mukut Shish Sahaj Dipat Hai Lilaari l Muktan Ki Maal Gale Shobhit Balihaari ll
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
Modak Mishtaan Paan Chadhat Hai Supaari l Lohaa Til Tel Udad Mahishi Ati Pyaari ll
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l
De Danuj Rishi Muni Surat Nar NaarilVishvanaath Dharat Dhyaan Sharan Hai Tumhaari ll
Jai Jai Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari l

 

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